जब आपके हाथ में ही सुमेरू पर्वत है, और समीप में ही ध्नपति कुबेर हंै, घर में ही स्वर्गापगा-गाजी हैं, और कामध्ेनु व चिन्तामणि आदि आपके समीप में ही सुलभ है, चन्द्रमा शिर में ही जब विराजमान हैं, सभी प्रकार के सौख्यों को प्रदान करने वाले जब आपके चरणयुगल हैं ही तो पिफर कौन सी ऐसी उत्कृष्ट वस्तु बची है, जिनको कि मैं आपको दे सकूँ।
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हे गिरिश! जब आपके हाथ में ही सुमेरू पर्वत है, और समीप में ही ध्नपति कुबेर हंै, घर में ही स्वर्गापगा-गाजी हैं, और कामध्ेनु व चिन्तामणि आदि आपके समीप में ही सुलभ है, चन्द्रमा शिर में ही जब विराजमान हैं, सभी प्रकार के सौख्यों को प्रदान करने वाले जब आपके चरणयुगल हैं ही तो पिफर कौन सी ऐसी उत्कृष्ट वस्तु बची है, जिनको कि मैं आपको दे सकूँ।